Ek Akela sher

تم آؤ خزاں کی سرد ہواؤں کی طرح
میں زرد پتوں کی طرح تم سے لپٹتی جاؤں
-سواتی ثانی ریشم

तुम आओ खिजाँ की सर्द हवाओं की तरह
मैं ज़र्द पत्तों की तरह तुम से लिपटती जाऊँ
– स्वाति सानी ‘रेशम’

 

राह निकल ही आयेगी

Dr. Zarina Sani
Ammi

जब सफर है इतना हसीं तो मंज़िल मिल ही जायेगी
हैं मुश्किल रास्ते मगर राह तो निकल ही आयेगी

पहले तुझे आना होगा…

मैं न कहता था मेरे घर में भी आयेगी बहार
शर्त इतनी थी कि पहले तुझे आना होगा
                                     —कैफी आज़मी