तेज़ गरमी के बाद
सूखे पत्तों के उड़ जाने के बाद
लू में जिस्म के झुलस जाने के बाद
और ज़िंदगी के ख़ुश्क हो जाने के बाद
जब एक बौछार आती है
तो पहली बारिश की ख़ुशबू में तर
सारी पुरानी यादें
महक महक जाती हैं
– स्वाति सानी “रेशम”
تیز گرمی کے بعد
سوکھے پتوں کے اڈ جانے کے بعد
لو میں جسم کے جھلس جانے کے بعد
اور زندگی کے خشق ہو جانے کے بعد
جب ایک بوچھار آتی ہے
تو پہلی بارش کی خشبو میں تر
ساری پرانی یادیں
مہک مہک جاتیں ہیں
– سواتی ثانی ریشم