Dhoop meiN jis ka sayaa sar par hota hai

धूप में जिस का साया सर पर होता है 
एक शजर हर घर में अक्सर होता है 

बूढ़े घर के दरवाजों का भारीपन
बचपन की यादों का मेहवर होता है 

झरना दरिया झील समुंदर  सब खामोश
शोर मगर कुछ उन के अंदर होता है  

बात लबों तक आ  आ कर थम जाती है 
इश्क़ मोहब्बत प्यार में ये डर  होता है 

आग का दरिया पार वही कर पाते हैं 
जिन  की आँख में एक समुंदर होता है 

अपना अपना जी कर सब मर जाते हैं 
आगे पीछे पीर-ओ-सनीचर होता है 

चैन की नींद उसी बिस्तर पर आती है 
दो-एक गज़ जो ज़मीं  के अंदर होता है

دھوپ میں جس کا سایہ سر پر ہوتا ہے
ایک شجر ہر گھر میں اکثر ہوتا ہے

بوڑھے گھر کے دروازوں کا بھاری پن
بچپن  کی یادوں کا محور ہوتا ہے

جھرنا دریا جھیل سمندر سب خاموش
شور مگر کچھ ان کے اندر ہوتا ہے

بات لبوں تک آ  آ کر تھم جاتی ہے
 عشق محبت   پیار میں  یہ  ڈر ہوتا ہے 

آگ کا دریا پار وہی کر پاتے  ہیں
جن  کی آنکھ میں ایک سمندر  ہوتا ہے

اپنا اپنا جی کر سب مر جاتے ہیں 
آگے پیچھے  پیر و سنیچر ہوتا ہے 

چین کی نیند اسی  بستر پر آتی ہے
دو اک گز جو  زمیں کے اندر ہوتا ہے

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