अब तो कोई आयेगा

crow
घर की देवढी पर बैठी मैं
कजरारे नैनों से ताकूं
सारे रस्ते सगरी बस्ती
सब सोते हैं, बस मैं जागूँ

भोर भये मैं देखूँ सूरज
शाम ढले मैं तारे बांचूँ
क्या आओगे आप सवेरे
या शाम चंदा के संग
आँचल थामे ये बाट निहारूँ

सूने आँगन धूप खिली फिर
फूल सजे बगिया में मेरी
छत पर बैठा कागा बोले
अब तो कोई आयेगा…

 

[intro]
[flute]
[verse]

घर की देहरी पर बैठी मैं
कजरारे नैनों से ताकूं
सारे रस्ते सगरी बस्ती
सब सोते हैं, बस मैं जागूँ

[Refrain]
सारे रस्ते सगरी बस्ती
सब सोते हैं, बस मैं जागूँ
[Bridge]
भोर भये मैं देखूँ सूरज
या शाम चंदा के संग
आँचल थामे ये बाट निहारूँ
[Refrain]
सारे रस्ते सगरी बस्ती
सब सोते हैं, बस मैं जागूँ
[Bridge]
सूने आँगन धूप खिली फिर
फूल सजे बगिया में मेरी
[Refrain]
सारे रस्ते सगरी बस्ती
सब सोते हैं, बस मैं जागूँ
[Refrain]
सारे रस्ते सगरी बस्ती
सब सोते हैं, बस मैं जागूँ
[outro]

 

Photo by Tarique Sani

Leave a Reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.