कभी न सोचा था प्यार बाँटा
तो दर्द पाऊँगी
कभी न सोचा था कि दर्द होगा तो इतना
कि उसे न बाँट पाऊँगी
वक्त लगता है संभलने में मगर
यकीं है मुझे कि संभल जाऊँगी
कभी न सोचा था प्यार बाँटा
तो दर्द पाऊँगी
कभी न सोचा था कि दर्द होगा तो इतना
कि उसे न बाँट पाऊँगी
वक्त लगता है संभलने में मगर
यकीं है मुझे कि संभल जाऊँगी
Very beautiful composition Swati !
Bahut khoob, succinct and nailed the point, yet sheer poetry.
really nice poem
I really liked this….last two lines are best from composition point of view