मार ही ड़ाल मुझे चश्मे अदा से पहले
अपनी मंजिल को पहुंच जाउँ कज़ा से पहले
इक नज़र देख लूँ आ जाओ क़ज़ा से पहले
तुम से मिलने की तमन्ना है ख़ुदा से पहले
हश्र के रोज़ मैं पूछूंगा ख़ुदा से पहले
तूने रोका क्यूँ नही मुझको ख़ता से पहले
ए मेरी मौत ठहर उनको ज़रा आने दे
ज़हर का ज़ाम न दे मुझको दवा से पहले
हाथ पहुँचे भी न थे ज़ुल्फे दोता तक मोमिन
हथकडी डाल दी ज़ालिम ने ख़ता से पहले
— मोमिन खाँ मोमिन
Amazing.. reflective of most of the travails of the journey of this mind..
Cheers and thanks for posting this
AT