Ye Bheege Patthar Sunehri Kirno ke teer kha kar pighal rahe hain

ये भीगे पत्थर सुनहरी किरणों के तीर खा कर पिघल रहे हैं
सुनहरी किरणों के मोल दे कर सितारे भी सारे ढल रहे हैं

तुम्हें ये ग़म है की रात फिर से दुखों की चादर बिछानी होगी
ये रात आई है इस लिए तो फलक पे तारे निकल रहे हैं

इन आंसुओ के बहा के दरिया समंदरों में लुटा के मोती
सियाह रातों की तीरगी को भी रोशनी में बदल रहे हैं

कभी ऐ ‘रेशम’ ज़रा तो ठहरो समंदरों में उतर के देखो
उछलती मौजों पे किस तरह से थिरकते ज़र्रे मचल रहे हैं

है प्यासे होंटों की ये कहानी समंदरों का है खारा पानी
वो मीठे पानी के हैं जो दरिया उन्हें समंदर निगल रहे हैं

یہ بھیگے پتھر سنہری کرنوں کے تیر کھا کر پگھل رہے ہیں
سنہری کرنوں کے مول دے کر ستارے بھی سارے ڈھل رہے ہیں

تمہیں یہ غم ہے کہ رات پھر سے دکھوں کی چادر بچھانی ہوگی
پہ رات آئی ہے اس لئے تو فلک پے تارے نکل رہے ہیں

ان آنسووں کے بہا کے دریا سمندروں میں لٹا کے موتی
سیاہ راتوں کی تیرگی کو بھی روشنی میں بدل رہے ہیں

کبھی اے ریشمؔ   زرا تو ٹھہرو سمندروں میں اتر کے دیکھو
اچھلتی موجوں  پے  کس طرح سے تھرکتے ذرے مچل رہے ہیں

ہے پیاسے ہوٹوں کی یہ کہانی سمندروں کا ہے کھارا پانی
 وہ میٹھے پانی کے ہیں جو دریا  انہیں سمندر نگل رہے ہیں

Jab mulaqaat ho to aisi ho

पूछते हो कि शाम कैसी हो दिल को बहलाती याद की सी हो आँख भर देख लूँ मैं आज उसे क्या पता कल की सुबह कैसी हो प्यार करना अगरचे जुर्म हुआ फिर सज़ा उस की चाहे जैसी हो देख कर उस को मैं ने सोचा थाज़िंदगी हो तो काश ऐसी हो धूप में प्यार … Continue reading Jab mulaqaat ho to aisi ho

Kahi jo baat wo sach thii

कही जो बात वो सच थी मगर मानी नहीं जाती मिरे छोटे से दिल की ये परेशानी नहीं जाती वो बेटा है मैं बेटी हूँ यही एक फ़र्क़ है हम में मिरी क़िस्मत में है पिंजरा वाँ शैतानी नहीं जाती किसी के आँख का पानी किसी के दिल की वीरानी अगर परदे के पीछे हो … Continue reading Kahi jo baat wo sach thii

Wo be-wafa bhii ho to kya

वो बेवफ़ा भी हो तो क्या ये ऐसी भी खता नहीं ये ज़िंदगी भी चार दिन में देगी क्या दग़ा नहीं? ज़बान पे सवाल थे प लब मिरे सिले रहे वो मुंतज़िर खड़ा रहा प मैं ने कुछ कहा नहीं वो राह अपनी चल पड़ा न मुड़ के देखा उस ने फिर मैं बुत बनी … Continue reading Wo be-wafa bhii ho to kya

फ़ना (فنا)

तुम्हारी चाहत पहाड़ पर मुंजमिद बर्फ की मानिंद मेरी गर्म हथेली के लम्स से पिघलती हुई मेरे हाथों से निकल कर पहाड़ों, जंगलों, और रास्तों को पार करती हुई तेज़ी से बहने लगती है मगर सूरज की तपिश से बच नहीं पाती और धीरे धीरे ये पिघलती, बहती चाहत तुम्हारी भाप बन कर फ़ना हो … Continue reading फ़ना (فنا)

Jaagi ratoN ka ai’tbaar kahan

जागी रातों का ए’तबार कहाँमुझ को ख़्वाबों पे इख़्तियार कहाँ नींद बिस्तर पे जागी रहती हैदिल का जाने गया क़रार कहाँ रक़्स परवाने का है नज़रों में शम’अ का कोई राज़ दार कहाँ बनते बनते बनेगी बात कभी अभी उस को है मुझ से प्यार कहाँ मुस्कुराहट बिखेर दो तुम तो ग़म भी होता है … Continue reading Jaagi ratoN ka ai’tbaar kahan

Meri pyaas ko samjho tum… dariya mere andar hai

मेरी प्यास को समझो तुम दरिया मेरे अंदर है कितने ज़ख्मों को सींचूँ मैं जिस्म का पैकर जर्जर है यादें मेरे माज़ी की बौछारों का नश्तर है सहरा सहरा चीख उठा है गुलशन गुलशन बंजर है साहिल तन्हा बैठा है प्यास भी एक समंदर है एक तबस्सुम होंटों पर अपनी रूह का ज़ेवर है जब … Continue reading Meri pyaas ko samjho tum… dariya mere andar hai

Kuch aur aasmaN par ham taank deN sitare

सूरज की रोशनी में बिखरे हुए थे सारे जो रात की सियाही में साथ थे हमारे आओ फ़रोंजां कर दें आँसू के कुछ शरारेकुछ और आसमां पर हम टाँक दें सितारे मिलने का वा’दा कर के फिर चाँद क्यूँ न आया नद्दी थी राह तकती गिन गिन के रात तारे करवट बदलते दुख की वहशत … Continue reading Kuch aur aasmaN par ham taank deN sitare

Abr jab wadiyoN pe chhaye thae

अब्र जब वादियों पे छाये थे चाँद पर खामुशी के साये थे सहमी सहमी सियाह रातों के दीप आंधी में थरथराये थे तन्हा रातों में भीगते नग़्मेअब के बारिश ने गुनगुनाये थे इस चमन के थे जितने क़िस्से वो काँटों ने कलियों को सुनाये थे जाने पहचाने चेहरे थे मौजूद सर झुकाये, नज़र चुराये थे … Continue reading Abr jab wadiyoN pe chhaye thae

Dil to fariyaad kiya karta hai

दिल तो फ़रियाद किया करता हैज़ीस्त फ़रमान सुना देती है शाख से फूल गिरा कर के हवातेरे आने का पता देती है गुल को दो बूंद पिला कर शबनमप्यास सहरा की बुझा देती है गुनगुनाती हुई इक याद तिरीबुझते शोलों को हवा देती है प्यार है सीप का मोती जिस कोरेत साहिल की दुआ देती … Continue reading Dil to fariyaad kiya karta hai